Skip to main content
comparing yourself with others or not ?: दुसरो से खुद की तुलना करे या नहीं ?
जब हम अपने आप की तुलना किसी ऐसे व्यक्ति से करते है , जो हमारे हिसाब से हमसे अच्छा होता है , तब हमारे दिमाग में एक जलन या आग तो महसूस होती है ,लेकिन वह अच्छी भी हो सकती है , अगर हम चाहे तो , क्यूंकि वो आग एक एनर्जी देती है , जो हमें काम करने के लिए  विवस करती है ,
या यूँ कहा जाये की एनर्जी कही से भी आये बस काम होना चाहिए ,
"कम्पेरिजन ज़िन्दगी में दुःख देता , जब आपके हालत ऐसे होते है की आप कुछ कर नहीं सकते बहुत कुछ चाहते हुए भी, लेकिन ऊर्जा का नियम तो याद ही होगा ,एनर्जी को ख़त्म नहीं कर सकते है , उसे उपयोग कर सकते है ,!
यहाँ 2 बातें बनती है -
आप उस इंसान से प्रेरणा ले सकते हो या फिर  नेगेटिविटी निकाल के खुद वही ठहर सकते हो , आपकी लाइफ है फैसला आपके हाथ है.क्या करना है | 
वैसे भी जब कोई अपना कुछ ऐसा करता है जिसकी आपको उम्मीद नहीं होती तब तो , एनर्जी और बढ़ जाती है 
let's start your new chapter
thanks for reading 


Comments

Popular posts from this blog

  जानवर और इन्सान में केवल एक समझ और ज्ञान का फर्क होता है, इन्सान की बुद्धि विकसित हो चुकी है. और वो धीरे-धीरे सीखता जा रहा है. अगर आज के वक्त में कोई भी इन्सान कामयाब है तो उसकी एक बात जरुरी अच्छी होगी की वो हर वक्त सीखता है. सीखना ही इन्सान की एक पहचान है, क्योंकि जो सिख रहा है वही जिन्दा है बाकी सब अपनी जिंदगी में केवल समय को जाते देख रहे है. चाहे आपका कोई भी फील्ड हो, हर इन्सान को काफी चीजे आनी जरुरी है, जैसे डॉक्टर को बात अच्छे से करनी आनी चाहिए नहीं जो डॉक्टर की पढाई में सिखाया जाता, एक अच्छे सेल्समेन का Attitude अच्छा होना चाहिए वरना कोई भी व्यक्ति उससे प्रोडक्ट नहीं खरीदेगा. क्योंकि कहा जाता है, लोग आपके प्रोडक्ट को नहीं आपके attitude को खरीदते है, फिर चाहे आप कोई भी बेचों वो माइने नहीं रखता. तो यह Attitude को सीखे कहा से? या डॉक्टर है तो उसे अच्छे से बात करनी सीखनी कहा से? इसका जवाब है, हर इन्सान केवल बुक और एजुकेशन से नहीं सीखता है, कुछ बाते आपको लोगो से और आस पास के बदलते माहोल से ही सीखनी होती है. उसके लिए आपके पास में हर इन्सान से सिखने की तकनीक भी होनी चाह

Happiness is your around! खुशियां आपके आसपास है!

Happiness is your around! खुशियां आपके आसपास है! जिंदगी में आगे बढने की चाह में हमारे आसपास जो खुशियां होती है उन्हें हम देख ही नहीं पाते , और सक्सेस को ढूंढने या इस सोच को लेकर आगे बढ़ते हैं कि जब सक्सेस मिलेगी तब हम खुश होंगे, लेकिन सच तो यह है कि आपका प्रजेंट मूवमेंट आपके लिए सच , शायद कभी-कभी इन पलों को जीना जरूरी जो हमारे आसपास है, जिन्हें हम देख नहीं पा रहे हैं, इन  पलों को पहचानो पलों को को महसूस करो खुश रहो, जिंदगी में आगे बढ़ने का एक सलूशन सिर्फ हार्ड वर्क या फिर प्रेशर नहीं हो सकता , जिंदगी में बहुत कुछ करेंगे लेकिन उसके लिए हम अंदर से खुश  होने चाहिए ऐसा नहीं है कि अगर हम दुखी हैं और हम सक्सेस को पाने में जुटे हो तो फिर कोई सेंस नहीं बनता है हमारी लाइफ का क्योंकि सक्सेस चाहिए क्योंकि हम चाहते हैं, कि हमारी लाइफ ब्यूटीफुल हो हमें हर वह चीज मिले एक  सम्मान मिले जो हर किसी को नहीं मिलता , खुश रहना भी अपने आप में एक बहुत बड़ी सक्सेस है बिकॉज़ दुनिया के सबसे बड़े-बड़े लोग भी खुश नहीं रह पाते और वह सब कुछ हासिल करने के बाद भी खुशी की तलाश में रहते तो , क्यों ना आज से स्टार्ट