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Showing posts from March, 2020

how , your emotions control you •

भावनाओ का निर्माण , केवल दिमाग करता है , जैसे कोई पोधा बड़ा होता है उसी तरह भावनाए या इमोशन बढ़ते है , इनके बड़ने पर इंसान खुद को इनसे अलग करने के लिए काफी तकलीफ झेलता है , जबकि केवल ये सारी बाते उसके खुद के है द्वारा गढ़ी हुई है ,उसने ही इन भावनाओ का निर्माण किया है , और अब दर्द भी खुद ही झेल रहा है , दुनिया कुछ ऐसी ही है या यूं कहे की इंसान कुछ ऐसे ही होते है , हमारा मन या दिमाग केवल उन्हीं चीजों पर लगता है जो हमें आसानी से मिल सकती है लेकिन मिल नहीं पा रही है । हम लोगो से ये अपेक्षा रखते है कि वो हमारे हिसाब से चले , वो ऐसी चीजे करे जिसमें हमें खुशी मिले , जबकि दूसरा व्यक्ति भी यही उम्मीद हमेशा रखता है , और वही चीज हम उसके लिए नहीं कर रहे होते है , जैसा वह चाहता है । क्यूंकि हम खुद से जुड़े हुए है , और हमारी हर एक कोशिश केवल खुद के भले के लिए ही होती है। जबकि हम ये भूल ही जाते है कि , वह इंसान भी खुद से जुड़ा है , वह भी अपने बारे में अच्छा सोचेगा खुद का भला करेगा । भावनाए केवल मात्र एक याददाश्त है , कुछ यादें जो किसी चीज से या इंसान से जुड़ी हुई है , जैसे ही कोई ऐसी बात या समय दिमाग